वैशाख माह की बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2021) को गौतम बुद्ध के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. गौतम बुद्ध का जन्म का नाम सिद्धार्थ गौतम था. गौतम बुद्ध एक आध्यात्मिक गुरु थे, जिनकी शिक्षाओं से बौद्ध धर्म की स्थापना हुई थी. अधिकांश इतिहासकारों ने बुद्ध के जीवनकाल को 563-483 ई.पू. के मध्य माना है. अधिकांश लोग नेपाल के लुम्बिनी नामक स्थान को बुद्ध का जन्म स्थान मानते हैं. बुद्ध की मृत्यु, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 80 वर्ष की आयु में हुई थी.
बौद्धों के लिए, बोध गया नामक स्थान गौतम बुद्ध के जीवन से सम्बन्धित सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. बोधगया के अतिरिक्त, कुशीनगर, लुम्बिनी तथा सारनाथ भी अन्य तीन महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं. यह माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने बोधगया में ज्ञान प्राप्त किया तथा उन्होंने पहली बार सारनाथ में धर्म की शिक्षा दी. यह माना जाता है कि, गौतम बुद्ध को इसी दिन आत्मज्ञान प्राप्त हुआ था. बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयन्ती तथा वैसाक के नाम से भी जाना जाता है.
बुद्ध पूर्णिमा का समय (Buddha Purnima 2021 Timings)
बुद्ध पूर्णिमा बुधवार, मई 26, 2021 को
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मई 25, 2021 को 08:29 पी एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – मई 26, 2021 को 04:43 पी एम बजे
बुद्ध पूर्णिमा के दिन कैसे करें पूजा
– सूरज उगने से पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें.
– गंगा में स्नान करें या फिर सादे पानी से नहाकर गंगाजल का छिड़काव करें.
– घर के मंदिर में विष्णु जी की दीपक जलाकर पूजा करें और घर को फूलों से सजाएं.
– घर के मुख्य द्वार पर हल्दी, रोली या कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और गंगाजल छिड़कें.
– बोधिवृक्ष के आस-पास दीपक जलाएं और उसकी जड़ों में दूध विसर्जित कर फूल चढ़ाएं.
– गरीबों को भोजन और कपड़े दान करें.
– अगर आपके घर में कोई पक्षी हो तो आज के दिन उन्हें आज़ाद करें.
– रोशनी ढलने के बाद उगते चंद्रमा को जल अर्पित करें.